tag:blogger.com,1999:blog-5818760431138856246.post5060575907697955745..comments2023-08-28T18:45:19.077+05:30Comments on मेरी कविताएं: एक वार्तालापVijay K Shrotryiahttp://www.blogger.com/profile/03827025219585517128noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5818760431138856246.post-81962282752443504062010-11-15T12:41:04.298+05:302010-11-15T12:41:04.298+05:30शब्द और भाव इस खूबसूरती से गूंथे हैं आपने के रचना ...शब्द और भाव इस खूबसूरती से गूंथे हैं आपने के रचना पढ़ने के बाद बरबस मुंह से वाह निकल जाती है...बधाई स्वीकार करें<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5818760431138856246.post-15068216092298585032010-11-14T21:18:28.619+05:302010-11-14T21:18:28.619+05:30खुली-खुली सी, एकदम सिस्टमेटिक कविता.खुली-खुली सी, एकदम सिस्टमेटिक कविता.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5818760431138856246.post-67782773178920047322010-11-14T21:14:58.886+05:302010-11-14T21:14:58.886+05:30सहज शब्दों में तकनीक के बहाने एक गंभीर बात कह रही ...सहज शब्दों में तकनीक के बहाने एक गंभीर बात कह रही है कविता.. सिस्टम का विम्ब सर्वथा नया है..अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.com