Saturday, May 24, 2014

प्यार व व्यापार


मुझको उनका पड़ोस भाता है
उनको मेरा पड़ोस भाता है
उनको व्यापार खींच लाता है
मुझको व्यापार ही सताता है
प्यार व्यापार हो नहीं सकता
प्यार दीवार हो नहीं सकता
सोच सकता हूँ बस यही अब मैं
प्यार व्यापार को बढाता है
=======================

Wednesday, May 14, 2014

ताश के पत्ते

ये सारे ताश के पत्ते
अजब जीवन बताते हैं
ये काले लाल फूलों में
बंटी दुनिया दिखाते हैं
कोई राजा कोई इक्का
कोई जोकर कोई छक्का
बस इतना सोच सकता हूँ
ये गिरकर ही जिताते हैं
===================

Monday, May 5, 2014

रतौंधी

मैं काला देखकर क्यों रंग
कुछ भयवीत होता हूँ
नहीं मालूम कारण क्यों
रंगों के बीज बोता हूँ
जो बोया वो नहीं रोपा
जो रोपा वो नहीं पाया
बस इतना सोच सकता हूँ
रतौंधी रोग रोता हूँ
==================