मेरी कविताएं
Thursday, July 17, 2014
आंखें
मेरी आंखें झुकेंगी कृत्य
यदि संहार का होगा
मेरी आंखें उठेंगी कृत्य
यदि ना प्यार का होगा
सभी को आँख की भाषा
समझनी चाहिए मित्रो
बस इतना सोचता हूँ
कब यही संसार का होगा
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