मेरी कविताएं
Sunday, July 5, 2015
चरैवैती-चरैवैती
मैं रूककर सोचता हूँ
सोचकर रुकता नहीं हूँ अब
चरैवैती चरैवैती को अक्सर
सोचता हूँ अब
कभी भी सोचकर रुकने से
पग परिणाम पूंछेंगे
मैं इतना सोचता हूँ
है नहीं कोई भी मंजिल अब
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