मेरी कविताएं
Tuesday, November 12, 2019
हौसला
यों उड़ाकर टोपियों को खुश हुए ऐसा लगा,
पा गए मंज़िल मगर गंतव्य अब भी दूर है;
हौसला तुमको, तुम्हारे जोश को जीवित रखे,
भाग्य लिखने में तुम्हे आनंद जो भरपूर है।
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