Thursday, June 7, 2012

नींद

मैं थकना चाहता हूँ नींद से, क्यों प्रातः होती है,
मेरी प्रतीक्षा हर दोपहर, प्रारम्भ होती है,
मेरे अपने, मेरे सपने, मेरा संचय, मेरा परिचय,
मैं इतना सोच सकता हूँ, नहीं क्यों रात होती है.

4 May 2012, Shillong

1 comment:

  1. रात होगी ...एक नई सोच के साथ ...ये जिंदगी यूँ ही बीत जाएगी

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