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हर गगन चुम्बी इमारत सड़क से
दूर होती जा रही है
हर गगन चुम्बी इमारत सड़क से
दूर होती जा रही है
हर किसी रिश्ते में करवट
क्रूर होती जा रही है
क्रूर होती जा रही है
लालसा में घिर निगाहें
छत सितारे चूमती है
छत सितारे चूमती है
सोच सकता हूँ मैं इतना
समस्या घोर होती जा रही है
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समस्या घोर होती जा रही है
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
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नवरात्रों और नवसम्वतसर-२०७० की हार्दिक शुभकामनाएँ...!