खाना
चाहते हैं मीठा
खाते
हैं मीठा
खाना
चाहते हैं नमकीन
खाते
हैं नमकीन
खाना
चाहते हैं खट्टा
खाते
हैं खट्टा
हम
चुनते हैं स्वाद
जिव्याह
अनुसार
अनुभव
अनुसार
स्वादानुसार
स्वाद
से परे होती है
दवाई
उसका
चुनाव होता है
रोगानुसार
व
रोगीनुसार
आखिर
चाहते क्या हैं आप
स्वाद
लेना
या
रोग को
मिटाना
चुनाव
का अधिकार
कैसे हो
सकता है
किसी और
का
चुनिए
स्वयं
स्वादानुसार
रोगानुसार
इच्छानुसार
23.11.12: 10:50 AM,
Shillong
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