मेरी कविताएं
Thursday, September 11, 2014
आशय
नियम क़ानून अनुशासन
सभी अपवाद लगते हैं
जो आशय हो सही संगत
सही संवाद सजते हैं
मेरा दर्शन मेरे मित्रों को
क्यों कल्पित ही लगता है
बस इतना सोचता हूँ
क्यों नहीं संवाद करते हैं
=======================
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment