बेहद गंभीर कविता... वाकई घर की तलाश में जिंदगी निकल जाती है... सुन्दर...
jo hai uski ahmiyat nahin... jo nahin hai, uski talash hai !
very true....
जिनके पास अन्न हैंउन्हे भूख नहीं हैंजिनके पास भूख हैं!तलाशते रहते हैंकुछ तो मिल जाए खाने को ...
बेहद गंभीर कविता... वाकई घर की तलाश में जिंदगी निकल जाती है... सुन्दर...
ReplyDeletejo hai uski ahmiyat nahin... jo nahin hai, uski talash hai !
ReplyDeletevery true....
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ReplyDeleteजिनके पास अन्न हैं
ReplyDeleteउन्हे भूख नहीं हैं
जिनके पास भूख हैं!
तलाशते रहते हैं
कुछ तो मिल जाए खाने को ...