Friday, December 28, 2012

शब्द

शब्द दान है शब्द मान है 
शब्द भागवत शब्द कुरान है 

शब्द सवेरा शब्द सांझ है
शब्द रोशनी शब्द चाँद है

शब्द जीत है शब्द हार है
शब्द आर है शब्द पार है

शब्द पीर है शब्द नीर है
शब्द शाश्वत शब्द नीड़ है

शब्द शक्ति है शब्द बाण है 
शब्द ब्रह्म है शब्द प्राण है 

1 comment:


  1. नव वर्ष में सब शुभ हो आपके गिर्द .

    जीते वह हारे हैं , कैसे अजब नज़ारे हैं .... अधिक »
    अतिथि कविता :हम जीते वो हारें हैं
    ram ram bhaiपरVirendra Kumar Sharma - 6 मिनट पहले
    अतिथि कविता :हम जीते वो हारें हैं -डॉ .वागीश मेहता हम जीते वह हारे हैं ................................... दिशा न बदली दशा न बदली , हारे छल बल सारे हैं , वोटर ने मारे फिर जूते , कैसे अजब नज़ारे हैं . (1) पिछली बार पचास पड़े थे , अबकी बार पड़े उनचास , जूते वाले हाथ थके हैं , हाईकमान को है विश्वास , बंदनवार सजाये हमने , हम जीते वह हारे हैं , कैसे अजब नज़ारे हैं .... अधिक »

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