मेरी कविताएं
Friday, February 8, 2013
मैं इतना सोच सकता हूँ - 12
60
दिखाई दे रहे सम्बन्ध बेमानी से लगते हैं
सभी अनुबंध में बंधकर नरक पानी से लगते हैं
वो इक एकांत में बैठा उन्ही धागों को सीता है
मैं इतना सोच सकता हूँ
न
आसानी से लगते हैं
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