Monday, May 17, 2010

परिचय

परिचय,
किसका, क्यों, किस हेतु,
किस प्रकार
अर्थात
कैसे
व्यक्ति
स्वयं मे स्वयं
एक परिचय है,
उसका नाम
मात्र
पहचान के लिए है;
यदि खो जाये
तो नाम से
ढूँढा जा सके.
कक्षा में नाम से
पुकारा जा सके
प्रकाशित हों सके
समाचार पत्र में.
पिता का नाम
उसके अस्तित्व
से सम्बंधित है,
महत्त्वपूर्ण भी है.
प्रश्न उठता है,
व्यक्ति को
किस नाम से जाना जाता है,
उसके नाम से
या फिर
उसके पिता के नाम से
वास्तविकता यह है
कि एक दूसरे के पूरक हैं
यह दो
परिचयसूत्र,
क्योंकि
कभी
पुत्र, पिता के नाम से जाना जाता है
कभी
पिता, पुत्र के नाम से.
अभिप्राय
सीमा लांघने से है
कौन, किसकी, किस तरह
और कब
सीमा लांघता है...


(२९ अगस्त १९९१, हर्मन माइनर स्कूल, भीमताल, नैनीताल, उत्तरप्रदेश - उत्तराखंड)

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