Friday, July 1, 2011

कागज़

मैंने पड़ा था:
कागज़ के फूल
कागज की नाव

मैंने देखे:
कागज के कोण
कागज के रिश्ते
कागज़ के पैसे
कागज़ के बिल
देखा:
कागज का सूखा
कागज़ की बाड़
कागज़ का पानी
कागज़ के पुल

देखी - कागज़ की सजा
देखा - कागज़ का पुरुस्कार
देखे - कागज़ के सपने 
कागज के वार
कागज़ की उड़ान
कागज़ की शान
कागज़ का द्वेष 
कागज़ का प्यार 

आजकल प्रयास कर रहा हूँ
सुनने व समझने की 
कागज़ की भाषा 

शिलांग ::: १ जुलाई २०११ ::: ११ बजे रात्रि :::