मैंने पड़ा था:
कागज़ के फूल
कागज की नाव
मैंने देखे:
कागज के कोण
कागज के रिश्ते
कागज़ के पैसे
कागज़ के बिल
देखा:
कागज का सूखा
कागज़ की बाड़
कागज़ का पानी
कागज़ के पुल
देखी - कागज़ की सजा
देखा - कागज़ का पुरुस्कार
देखे - कागज़ के सपने
कागज के वार
कागज़ की उड़ान
कागज़ की शान
कागज़ का द्वेष
कागज़ का प्यार
आजकल प्रयास कर रहा हूँ
सुनने व समझने की
कागज़ की भाषा
शिलांग ::: १ जुलाई २०११ ::: ११ बजे रात्रि :::