मेरी कविताएं
Thursday, July 16, 2015
जीवन सार
यह जीवन सार है मेरा
यही संसार है मेरा
यही प्रारब्ध है मेरा
यही विस्तार है मेरा
मेरा दर्शन मेरी शक्ति
मेरा आशय मेरा साहस
मैं इतना सोच सकता हूँ
यही संचार है मेरा
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Sunday, July 5, 2015
चरैवैती-चरैवैती
मैं रूककर सोचता हूँ
सोचकर रुकता नहीं हूँ अब
चरैवैती चरैवैती को अक्सर
सोचता हूँ अब
कभी भी सोचकर रुकने से
पग परिणाम पूंछेंगे
मैं इतना सोचता हूँ
है नहीं कोई भी मंजिल अब
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