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वे जहाँ तक देखते हैं
बस अँधेरा दीखता है
बस अँधेरा दीखता है
पर मुझे फिर भी सुखद
कोमल सवेरा दीखता है
कोमल सवेरा दीखता है
रात रोशन दिन दिवाली
दीप आशा फूल माली
दीप आशा फूल माली
सोच सकता हूँ मैं इतना
क्यों कृषक हल खींचता है
क्यों कृषक हल खींचता है
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