Saturday, August 14, 2010

विश्वास करके मैने हज़ार ठोकरें खायीं
फिर भी रेखाएं हाँथ की उल्टी पायीं

विजय कुमार श्रोत्रिय

3 comments:

  1. अच्छी लगीं आपकी ये पंक्तियां

    स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं

    हैपी ब्लॉगिंग

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  2. बहुत सुन्दर, स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामना!

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  3. very Good ........nice compose

    Ritu Sharma

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