आपकी जो वाणी, उसी की तो जय हो
वाणिज्य वाणिज्य, किसी को ना भय हो
सभी धन कमायें, सभी धन बढाएं
धरा को सभी हम, कोमल बनायें
पुनीत ने सबके कानो मे गुनगुनाया
नया वर्ष आया नया वर्ष आया....
आपको नव वर्ष की शुभकामनायें... इसी प्रकार नई नई रचनाओं से सभी का मन जीतते रहें...
विजय कुमार श्रोत्रिय
(ये पंक्तियाँ मैने पुनीत जी की निम्न पंक्तियों के उत्तर में लिखी थीं, 31.12.2010)
नया वर्ष आया !!!!!
अरे क्या सुना ,क्या किसी ने सुनाया,
हवा ने मेरे कान, कुछ भुनभुनाया,
मयूरा मना जोर से खिलखिलाया ,
नया वर्ष आया, नया वर्ष आया....1
नयी शक्ति जागृत नयी कामना है
नए मार्ग पर तीव्र संभावना है,
बढ़ो बस यही वक्त की चाहना है,
ये ही कर्म देवी की आराधना है,
यही तथ्य गतवर्ष ने गुनगुनाया .
नया वर्ष आया नया वर्ष आया..2
पढ़े हर कोई अन् पढ़ा जन ना छूटे
मिटे अँधियारा किरण ज्ञान फूटे,
सभी कर कलम हों ना रगड़े अंगूठे
महाजन किसानो का हक अब ना खूँटें
नया वर्ष साक्षर बिगुल है बजाया
नया वर्ष आया नया वर्ष आया...3
सभी रोग मिट जाएँ विकसित हों टीकें
नीरोगी सभी जिंदगी ठीक बीते
ना बच्चा कोई और खांसे व छींके
रहे चंग सब पोलियो ड्रॉप पीके.
नए वर्ष ने स्वस्थ भारत दिखाया
नया वर्ष आया नया वर्ष आया...4
नए ऊँचे महलें नए कुछ भवन हों
नए फैशनो के नए पैरहन हों.
नए वाहनों के नए से चमन हों,
नए अर्ज धन के व्यवस्थित जतन हों,
नए वर्ष ने कुछ नया ही सिखाया
नया वर्ष आया नया वर्ष आया..5.
अमीरी बढे पर गरीबी बढे मत,
किसी के बदन पर कोई ऋण चढ़े मत,
कोई भी किसी से कभी भी लड़े मत
दहेजी बलि भेंट बेटी चढ़े मत
नए वर्ष का कंठ क्यों रूंध आया
नया वर्ष आया नया वर्ष आया...6
बहे प्रेम गंगा थमी आंधियां हों
बमों गोलिओं से बची वादियाँ हों,
रहे मेल भाई ,नरम भाभियाँ हों,
सभी वीर- जराओं की शादियाँ हों,
नए वर्ष ने शांति का पथ सुझाया ,
नया वर्ष आया नया वर्ष आया....7
- पुनीत द्विवेदी "क्रांतिकारी Indore