मेरी कविताएं
Tuesday, January 31, 2012
दोस्ती की किताब पड़ता हूँ
उसके पन्नों मे छेद दिखते हैं
सूखे फूलों की पंखुड़ी झांके
उसमे जन्मों के राज छिपते हैं.
13 Jan 2012, Bareilly
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