सूरज की
प्रथम किरण के साथ ही
हो जाती है प्रारंभ
दौड़,
चाहे आप चीता हों
अथवा हिरन।
चीता दौड़ता है
इस आशय से
कि उसको
मरना पड़ेगा भूखा
यदि नहीं मिला
उसको उसका शिकार
उसको दौड़ना ही पड़ेगा,
दौड़ते रहना पड़ेगा
अन्यथा मार देगी उसको
भूख।
और हिरन
दौड़ता है
इस आशय से
कि यदि नहीं दौड़ा वह
तो बन जायेगा शिकार
पीछे आ रहे चीते का
मार देगी उसको
चीते की भूख।
चीता या हिरन
सूरज की
प्रथम किरण के साथ ही
हो जाती है प्रारंभ
दौड़।
हम सबको दौड़ना पड़ता है
दौड़ना पड़ेगा
दौड़ना चाहिए
अपनी भूख मिटाने के लिए
और
इसलिए भी
कि कहीं हम
किसी दूसरे की भूख का
शिकार न हो जाएँ,
चाहे हम
स्वयं दौड़ें
अथवा
दौड़ाये जाएँ।
प्रथम किरण के साथ ही
हो जाती है प्रारंभ
दौड़,
चाहे आप चीता हों
अथवा हिरन।
चीता दौड़ता है
इस आशय से
कि उसको
मरना पड़ेगा भूखा
यदि नहीं मिला
उसको उसका शिकार
उसको दौड़ना ही पड़ेगा,
दौड़ते रहना पड़ेगा
अन्यथा मार देगी उसको
भूख।
और हिरन
दौड़ता है
इस आशय से
कि यदि नहीं दौड़ा वह
तो बन जायेगा शिकार
पीछे आ रहे चीते का
मार देगी उसको
चीते की भूख।
चीता या हिरन
सूरज की
प्रथम किरण के साथ ही
हो जाती है प्रारंभ
दौड़।
हम सबको दौड़ना पड़ता है
दौड़ना पड़ेगा
दौड़ना चाहिए
अपनी भूख मिटाने के लिए
और
इसलिए भी
कि कहीं हम
किसी दूसरे की भूख का
शिकार न हो जाएँ,
चाहे हम
स्वयं दौड़ें
अथवा
दौड़ाये जाएँ।
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