Tuesday, December 21, 2010

अक्सर अच्छा लगता है

अक्सर 
अच्छा लगता है
विदेश मे होना
इस देश मे होना
भूटान मे होना.

यहाँ के लोग,
यहाँ की संस्कृति
यहाँ के सपने
यहाँ का तंत्र
व शासन व्यवस्था
इस सत्य की अनुभूति कराते हैं.

यह वास्तविकता मे 
मेरा दूसरा घर है
भारत से वाहर
भारतीय होने पर गर्व
या 
भारतीय होने की शर्म.
भारतीयों के प्रति इनकी 
अवधारणा 
शायद ठीक ही है.
भारत का महान स्वरुप
भारत की विविधता  
भारत की राजनीति
भ्रष्टाचार मे लिप्त
तंत्र व
शासन व्यवस्था.

मुझे ये भारतीय मानते हैं
या अभारतीय
या भूटानी   
पता नहीं
परन्तु इनकी सोच मे
इनकी अवधारणा मे
काफी सच्चाई है.

मेरी अवधारणा मे भी 
भूटान
वो भूटान नहीं है
जो आज से दस वर्ष  
पहले था 

प्रजातांत्रिक तंत्र
ईमानदार शासन
साफ़ सुथरी सड़के  
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
इस तम्बाखू रहित 
बौद्ध देश में.

अक्सर 
अच्छा लगता है 
इस देश मे होना..... 
इतने वर्षों 
उपरांत...

7 comments:

  1. सुन्दर अभिव्यक्ति, विदेश भ्रमण पर हैं शायद!

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  2. भूटान सांस्कृतिक रूप से अपने देश से गहराई से जुड़ा है.. अच्छी लगी आपकी कविता..

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  3. आदरणीय Vijay Kumar Shrotryia जी
    नमस्कार
    बहुत सही ...आपका विचारों में समन्वय की झलक है ....बहुत शुक्रिया आपका ..

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  4. वाह !! एक अलग अंदाज़ कि रचना ......बहुत खूब

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  5. सुन्दर प्रस्तुति है.

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  6. प्रजातांत्रिक तंत्र
    ईमानदार शासन
    साफ़ सुथरी सड़के
    अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
    इस तम्बाखू रहित
    बौद्ध देश में.

    भूटान के बारे में इस जानकारी को देने का शुक्रिया...अब आपकी रचना को पढ़ कर भूटान आने का मन कर रहा है...

    नीरज

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