लोग
आवाज उठा रहे हैं
चीख रहे हैं
चिल्ला रहे हैं
आवाज उठा रहे हैं
लिख रहे हैं
दिख रहे हैं
आवाज उठा रहे हैं
दूसरी ओर
लोग
शांत हैं
चुपचाप हैं
आवाज उठा रहे हैं
चुप रहकर
वे भी जागे हुए हैं
सोये नहीं हैं
शांत लोग
होते हैं
अधिक खतरनाक
अधिक भयंकर
भिन्न होती है
उनकी भाषा
शांति की भाषा
अधिक भयावह
होती है
शांति की चीख
होता है
शांति का चिल्लाना
कुछ भी हो
चीखना-चिल्लाना
लिखना-दिखना
जागना
चुप रहकर भी
जारी रहना चाहिए
जारी रहेगा
बोलने-लिखने
चीखने-चिल्लाने
से अधिक
आवश्यक है
जागना
जागो
चाहे रहो शांत
लेकिन
जागो।
29.9.12... 6:30 AM Shillong ...
आवाज उठा रहे हैं
चीख रहे हैं
चिल्ला रहे हैं
आवाज उठा रहे हैं
लिख रहे हैं
दिख रहे हैं
आवाज उठा रहे हैं
दूसरी ओर
लोग
शांत हैं
चुपचाप हैं
आवाज उठा रहे हैं
चुप रहकर
वे भी जागे हुए हैं
सोये नहीं हैं
शांत लोग
होते हैं
अधिक खतरनाक
अधिक भयंकर
भिन्न होती है
उनकी भाषा
शांति की भाषा
अधिक भयावह
होती है
शांति की चीख
होता है
शांति का चिल्लाना
कुछ भी हो
चीखना-चिल्लाना
लिखना-दिखना
जागना
चुप रहकर भी
जारी रहना चाहिए
जारी रहेगा
बोलने-लिखने
चीखने-चिल्लाने
से अधिक
आवश्यक है
जागना
जागो
चाहे रहो शांत
लेकिन
जागो।
29.9.12... 6:30 AM Shillong ...
चाहे रहो शांत
ReplyDeleteलेकिन
जागो।...
अच्छा सन्देश