मेरी कविताएं
Tuesday, July 13, 2010
मेरी बर्बादी का चर्चा
शहर की हर गली मे है
ये कोई खेल नहीं है
जो हर कोई खेले
<विजय कुमार श्रोत्रिय>
28 January 1989...Bareilly....UP
1 comment:
Anamikaghatak
July 14, 2010 at 9:28 AM
achchha hai
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
achchha hai
ReplyDelete