मेरी कविताएं
Sunday, May 13, 2012
रात और रौशनी
रात दिन मे दिखाई देती है
रौशनी से विदाई लेती है
रात की रौशनी नहीं टिकती
दिन की काली कमाई लगती है।
1 comment:
***Punam***
May 13, 2012 at 10:59 AM
बहुत सुंदर पंक्तियाँ.....!!
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बहुत सुंदर पंक्तियाँ.....!!
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